Friday 24 July 2020

संस्मरण* बेटा के ननपन

*संस्मरण*
       बेटा के ननपन

 ननपन कहाँ लहुट के आथे? फेर ननपन के सुरता हर मन के झिरी ले घेरी बेरी झाँकत रथे। बात तब के आय, जब हमर बेटा सृजन हर 8 बछर के रिहिस होही। बेट अउ मँय दुरूग ले कोरबा आवत रहन।फेर गाड़ी बिलासपुर तक रिहिसे। उहाँ से हमन ला कोरबा बर गाड़ी बदलना रिहिसे। जेखर समय 3 बजे रिहिसे। समान जादा रहय।मोर महतारी के समान जोरइ  ला का कहिबे। बरी जिमीकांदा अथान बाँटल मे मही।रद्दा बर आलू सोहारी के जेंवन। लदे फँदे,हालत डोलत बिलासपुर मा उतरेन। भीड़ बहुत रहय,पता करेन कोरबा वाले गाड़ी कोन से प्लेटफार्म मे आथे। पता चलिस हमन ला सीढ़ी चढ़ के ओ पार जाय ला परही। मँय भारी बैग ला धरेवँ अउ सृजन ला हल्का समान पकड़ा देव। धीरे धीरे भीड़ के संगे संग आघू बढ़त गेन। सबो सीढ़ी ला चढ़ के उपर पहुँचेन, तइसने मे सृजन हर सब समान ला छोड़ के धड़धड़ा के सीढ़ी उतरत खाल्हे चल दिस।

मँय कंउवा गेंव।चिल्लायेव--- बेटा कहाँ जा रहा है। वापस आ-- समान ला छोड़ के ओखर पीछू भागत नइ बनिस। का देखथँव सृजन हर एक झन टूरी करा गिस ।ओ टूरी हर एक कोती भाई ला पाय रहय, एक हाथ मे अपन बहिनी ला धरे रेंगत रहे। सृजन हर वो टूरी करा गिस -गिस  अउ अपन मुड़ी ला वोकर मुड़ी मा टेका के ठिकी मारिस, अउ लहुट हे।बपरी टूरी हर बछरू हकाले कस हे हे करत गुस्सा करत रहिगे। तीर में अइस टूरा ह त घुड़केव।कहाँ गया था? "चलो बताता हूँ" कहत समान ला धर के अगुवा गे।
गाड़ी आय मा बेर रिहिसे ।प्लेटफार्म के कुर्सी मा समान ला रखेन अउ हाथ मुहुँ धो के, महतारी बेटा खाय के तियारी करेन। खात खात बेटा के माथ मा बगरे चूँदी ला पीछू करत पूछेव।" मेरे को छोड़ के कहाँ गया था बेटा,अगर तू गुम जाता तो मै अकेली क्या करती"  वोकर मासूम उत्तर हर आज घलो मन ला गुदगुदाथे।
वो बताइस " मै समान ले के चल रहा था ना तो उस लड़की का सिर मेरे सिर से टकरा गया, अगर मै  अपने सिर को उसके सिर से डबल नही टकराता ना, तो मुझे काला कुत्ता काट देता" 
 मँय केहेव - - तो तू डबल ठिकी मारने गया था। उसने कहाँ - हाँ--। 

भरम भूत के पाठ ला वो हर स्कूल मा संगवारी मन सन पढे़। तभे तो एक घव अपन टूटे दाँत ला तकिया के नीचे रख के सुते लगिस। पूछेव त कथे"देखना मम्मी सुबह तक डबल हो जायेगा"। 

ननपन ले बहुत चंचल अउ जिज्ञासु मोर सृजन हर 22 बछर के होगे हे। फेर वोकर भरम भूत के बात ला बता के आजो हमन बहुत मजा लेथन। 

शशि साहू

2 comments: